NIPUN Republic of India Challenge Lakshya, निपुण भारत 2023 क्या है NIPUN Republic of India Challenge Complete Method कार्यान्वयन प्रक्रिया, गाइडलाइन्स पीडीएफ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, लॉगिन व कार्यान्वयन प्रक्रिया देखे |
शिक्षा के क्षेत्र में विकास राष्ट्र के लिए सबसे अहम विकास होता है शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा नई एजुकेशन पॉलिसी लांच की गई थी जिसके अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव किए गए हैं न्यू एजुकेशन पॉलिसी के सफल क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार विभिन्न प्रयास कर रही है इन्हीं प्रयासों के चलते भारत सरकार द्वारा निपुण भारत योजना की शुरुआत की गई है जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाना ही इस योजना का लक्ष्य है यदि आप भी NIPUN Republic of India Challenge के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़े हैं
NIPUN Republic of India Challenge 2023
निपुण भारत योजना को शिक्षा मंत्रालय द्वारा 5 जुलाई को आरंभ किया गया है। इस योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है। NIPUN Republic of India Challenge के माध्यम से सक्षम वातावरण का निर्माण किया जाएगा। जिसके माध्यम से आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जा सकेगा। निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा।
यह NIPUN Republic of India Challenge स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्त्रीय तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह 5 स्तरीय तंत्र राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाक-स्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस योजना का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए किया गया है।
NIPUN Republic of India Challenge की लॉन्चिंग
20 जून 2022 को union minister हरदीप सिंह पुरी जी के द्वारा निर्माण कामगारों के लिए निपुण योजना settingup करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत संचालित की जाएगी जिसके माध्यम से एक lakh निर्माण कामगारों को coaching प्रदान की जाएगी। इस योजना की launching के अवसर पर union minister हरदीप पुरी द्वारा योजना के विभिन्न लाभार्थियों से बात भी की गई। इस योजना के संचालन से निर्माण कामगारों की talent में वृद्धि की जा सकेगी। जिससे कि उनको रोजगार की प्राप्ति होगी। यह योजना रोजगार के अवसर को बढ़ाने में कारगर साबित होगी। इस योजना के अंतर्गत लगभग 80000 निर्माण श्रमिकों को onsite coaching प्रदान की जाएगी।
- इसके अलावा 14000 लाभार्थियों को plumbing एवं अन्य व्यवसायों से संबंधित coaching प्रदान की जाएगी। यह सभी lessons नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अंतर्गत करवाए जाएंगे। इस योजना के संचालन से देश के लगभग 12000 नागरिकों को दूसरे देशों में रोजगार की प्राप्ति होगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत कौशल बीमा भी प्रदान किया जाएगा। जिसके अंतर्गत 3 वर्ष का unintentional बीमा है। Clash होने की स्थिति में ₹200000 इस बीमे के अंतर्गत प्रदान किए जाएंगे।
- इसके अलावा निर्माण श्रमिक को विभिन्न virtual talent भी प्रदान की जाएंगी। Alternative secretary cum challenge director के अंतर्गत एक undertaking committee का गठन किया जाएगा। जिसके माध्यम से इस योजना की monitorih की जाएगी। इस योजना के संचालन में Nationwide actual property builders affiliation एवं confederation of actual property builders affiliation of Republic of India द्वारा भी भागीदारी दी जाएगी।
फ्री वाई-फाई- वाणी योजना
Nipun Republic of India Challenge: आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता क्या होती है?
आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता उस कौशल तथा रणनीति को कहते हैं जिसके माध्यम से छात्र पढ़ने, लिखने बोलने और व्याख्या करने में सक्षम होते हैं। आधारभूत साक्षरता भविष्य में शिक्षा प्राप्त करने का आधार बनती है। वह सभी बच्चे जो कक्षा तीन तक बुनियादी साक्षरता एवं संख्यामक्त कौशल प्राप्त करने में सफल रहते हैं उन्हें आने वाली कक्षाओं के पाठ्यक्रम को पढ़ने में आसानी होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय द्वारा निपुण भारत योजना का शुभारंभ किया गया है। NIPUN Republic of India Challenge के माध्यम से आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकत को तीसरी कक्षा के छात्रों के अंतर्गत विकास किया जाएगा। जिससे कि आने वाले समय में उनको शिक्षा प्राप्त करने में किसी भी बाधा का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा निपुण योजना के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा
- शिक्षक क्षमता निर्माण
- उच्च गुणवत्ता और विविध छात्र और शिक्षक संसाधनों/शिक्षण सामग्री के विकास
- शिक्षा के प्रति बच्चों की प्रगति पर नजर रखना आदि
निपुण भारत मिशन हाइलाइट्स
योजना का नाम | NIPUN Republic of India Challenge |
योजना का प्रकार | केंद्र सरकार योजना |
आरम्भ की तिथि | 5 जुलाई |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.education.gov.in/en |
निपुण भारत गाइडलाइन्स | यह क्लिक करे |
NIPUN Republic of India Challenge आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकार
मूलभूत भाषा एवं साक्षरता
- मौखिक भाषा का विकास
- धवनियात्मक जागरूकता
- डिकोडिंग
- शब्दावली
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- पठन प्रवाह
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- कल्चर ऑफ रीडिंग
मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- पूर्व संख्या अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- गणितीय तकनीकें
- मापन
- आकार एवं स्थानिक समाज
- पैटर्न
NIPUN Republic of India Challenge का उद्देश्य
निपुण भारत योजना का मुख्य उद्देश्य आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त के ज्ञान को छात्रों के अंतर्गत विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा के अंत तक छात्र को पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त होगी। यह योजना बच्चों के विकास के लिए बहुत कारगर साबित होगी। निपुण भारत योजना के माध्यम से अब बच्चे समय से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। जिससे की उनका मानसिक एवं शारीरिक विकास होगा। NIPUN Republic of India का संचालन शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। यह योजना स्कूली शिक्षा कार्यक्रम समग्र शिक्षा का एक हिस्सा होगी। इस योजना को नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आरंभ किया गया है। निपुण भारत योजना के माध्यम से बच्चे संख्या, माप और आकार के क्षेत्र के तर्क को भी समझ पाएंगे।
Pariksha Sangam
NIPUN Republic of India Challenge का कार्यान्वयन
सन 2026-27 तक निपुण भारत योजना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति पर नोडल विभाग द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। जिससे कि सन 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जिसमें क्षेत्र स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकार में विभाजित किया गया है। जो कि वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण एवं समवर्ती निगरानी है।
Nipun Republic of India Challenge: छात्रों के आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के सुधार के लिए शैक्षणिक दृष्टिकोण
छात्र के सीखने पर ध्यान:-
हमारे देश में कई छात्र ऐसे हैं जो पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं। ऐसे सभी छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कठिन होता है। क्योंकि वह घर पर शिक्षा का वातावरण नहीं प्राप्त कर पाते हैं। इसीलिए शिक्षकों को छात्रों पर अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। शिक्षक द्वारा शिक्षा प्रदान करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।
- लड़के एवं लड़कियों से सम्मान एवं उचित अपेक्षाएं प्रदर्शित करना।
- लिंगभेद से मुक्त पुस्तके, चित्र, पोस्टर, खिलौने आदि का चयन करना।
- शिक्षकों द्वारा कक्षा में बात करते समय लिंग पक्षपाती कथनों का प्रयास ना करना।
- ऐसी कहानी एवं कविताओं का चयन करना जिसमें लड़की एवं लड़कों को सामान्य भूमिकाओं में पेश किया जाए।
- शिक्षार्थियों को अपनी रुचि का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना।
स्कूल मॉड्यूल:
विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता एवं समानता सुनिश्चित करने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छात्र को विद्यालय में भेजने के लिए छात्र के पास न्यूनतम कौशल एवं ज्ञान होना चाहिए। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत एक 3 माह का स्कूल प्रिपरेशन मॉड्यूल रखा गया है। जिसके माध्यम से बच्चे प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे एवं स्कूल जाने के लिए भी अपने आप को तैयार कर पाएंगे।
सीखने का आकलन:
छात्र द्वारा शिक्षा के माध्यम से विभिन्न प्रकार की नई चीजें सीखी जाती हैं। जिससे कि बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस विकास का आकलन करने के लिए एसेसमेंट किया जाता है। जिससे कि छात्र की सफलता को ट्रैक किया जा सके। यह आकलन करने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि छात्र की रूचिओ वरीयताओं की पहचान की जा सके। इसके अलावा बच्चों के प्रदर्शन का आकलन करके उनको हस्तक्षेप के माध्यम से तैयार किया जा सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को सीखने में कही कठिनाई तो नही आ रही है एवं ऐसी कठिनाइयों की पहचान करके उन कठिनाइयों को दूर किया जा सके।
NIPUN Republic of India Challenge के भाग
निपुण भारत योजना को सरकार द्वारा 17 भागों में विभाजित किया गया है। यह भाग कुछ इस प्रकार है।
- परिचय
- मूलभूत भाषा और साक्षरता को समझना
- मूलभूत संख्यामकता और गणित कौशल
- योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
- शिक्षा और सीखना: बच्चों की क्षमता और विकास पर ध्यान
- लर्निंग एसेसमेंट
- शिक्षण -अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिका
- स्कूल की तैयारी
- राष्ट्रीय मिशन: पहलू एवं दृष्टिकोण
- मिशन की सामरिक योजना
- मिशन कार्यान्वयन में विभिन्न हितग्राहीको की भूमिका
- SCERT और DIET के माध्यम से शैक्षणिक साहित्य
- दीक्षा/NDEAR: का लाभ उठाना: डिजिटल संसाधनों का भंडार
- माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव
- निगरानी और सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
- मिशन की स्थिरता
- अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण की आवश्यकता
NIPUN Republic of India Challenge योजना का परिचय
इस योजना को सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के सफल कार्यान्वयन के लिए आरंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त पर ध्यान दिया जाएगा। जिससे कि सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित को सीखने की क्षमता प्राप्त हो सके। NIPUN Republic of India के कार्यान्वयन के लिए सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 5 स्तरीय तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह 5 स्त्रीय तंत्र अंतरराष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाकजेडस्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। इस योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। निपुण योजना का पूरा नाम नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी है।
निपुण भारत योजना का राष्ट्रीय परिदृश्य
- शिक्षा की बहुत पर ध्यान देना
- शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना
- बच्चों के सीखने के परिमाण पर ध्यान
- सीखने के परिमाणों की उपलब्धि का मापन करना
मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता पर राष्ट्रीय मिशन
शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए एवं मूलभूत साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी एवं अंतर्मनिर्भार भारत कैंपेन के अंतर्गत मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता पर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस मिशन के उद्देश्य को 2026-27 तक प्राप्त किया जाएगा। जिसके माध्यम से ग्रेड 3 के अंत तक प्रत्येक बच्चे को मूलभूत साक्षरता तथा संख्यामकता का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। सभी जिला स्तर पर यह राष्ट्रीय लक्ष्य प्राप्त करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। इस मिशन के अंतर्गत 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष तक की आयु के बच्चे शामिल किए जाएंगे। इस मिशन का संचालन सामग्र शिक्षा के अंतर्गत किया जाएगा।
NIPUN Republic of India Challenge योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ
बच्चों के अंतर्गत मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। जिसके माध्यम से वह भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे। एनसीईआरटी द्वारा एक सर्वे का आयोजन किया गया था। जिसके माध्यम से यह पता लगा था कि बच्चे पांचवी कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पाठ को समझकर पढ़ने में सक्षम नहीं होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए निपर्ण भारत योजना के अंतर्गत मूलभूत भाषा और साक्षरता की समझ पर ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। जिससे कि बच्चे आने वाले समय में समझ कर शिक्षा को प्राप्त कर सकें। इस योजना के माध्यम से पढ़ाई की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
Nipun Republic of India Challenge: मूलभूत भाषा एवं साक्षरता की आवश्यकता
- भविष्य में बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए भाषा, साक्षरता एवं गणितीय कौशल की एक मजबूत नींव का प्रारंभिक वर्षों में विकास करना।
- छात्रों के मस्तिष्क के विकास के लिए प्रारंभिक साक्षरता विकास की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
- मथुरा पायलट प्रोजेक्ट के निष्कर्षों के अंतर्गत छात्रों को मूलभूत भाषा एवं साक्षरता प्रदान करने के बाद बच्चे समझ के साथ पढ़ सकते थे।
- बच्चों के मस्तिष्क का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है जिस वजह से प्रारंभिक मूलभूत भाषा एवं साक्षरता उनको प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है।
Nipun Republic of India Challenge: प्रमभिक भाषा और साक्षरता
भाषा केवल बोलने, सुनने, पढ़ने और लिखने से कहीं बढ़कर है। भाषा के माध्यम से एक व्यक्ति संचार, सोचा दुनिया की समझ बना सकता है। प्रारंभिक स्तर पर छात्रों के लिए भाषा की समझ होना बहुत महत्वपूर्ण है। भाषा को समझने के लिए निम्नलिखित भाग को समझना महत्वपूर्ण है।
- पढ़ने एवं लिखने की समझ
- कक्षा में लिखने की अवधारणा
- प्रारंभिक शिक्षा की अवधि के दौरान लिखने का कौशल इमर्जेंट राइटिंग, कन्वेंशनल राइटिंग एवं राइटिंग कंपोजिशन के माध्यम से विकसित करना
Nipun Republic of India Challenge: मूलभूत भाषा एवं साक्षरता के प्रमुख घटक
- मौखिक भाषा का विकास
- रीडिंग कंप्रीहेंशन
- प्रिंट के बारे में अवधारणा
- लेखन
- शब्दावली
- धावनी के माध्यम से जागरूकता
- डिकोडिंग
- पढ़ने का प्रभाव
- पढ़ने की संस्कृति
भाषा और साक्षरता विकास को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम
- एक प्रिंट समृद्धि वातावरण बनाना
- ऊंचे स्वर में पढ़ना
- कहानियां एवं कविताएं सुनना, बताना और लिखना
- सॉन्ग एंड राइम्स
- अनुभव साझा करना
- ड्रामा और रोल प्ले
- पिक्चर रीडिंग
- शेयर ट्रेडिंग
- कक्षा की दीवारों का उपयोग करना
- अनुभव आधारित लेखन
- मिड डे मील
Nipun Republic of India Challenge: मूलभूत संख्यामक और गणित कौशल
मूलभूत संख्यामकता एवं गणित कौशल का अर्थ होता है दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान करने में तर्क करने और संख्यामकता अवधारणा को लागू करने की क्षमता। छात्रों के अंदर संख्या बोध एवं स्थानीय समझ तब विकसित होती है जब वह निम्नलिखित कौशल प्राप्त कर लेते हैं।
- मात्राओं की समझ
- कम या ज्यादा एवं छोटा या बड़ा की समझ विकसित करना
- एकल वस्तु एवं वस्तुओं के समूह के बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता
- मात्राओं का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रतियों का उपयोग करना
- संख्याओं की तुलना करना आदि
प्रारंभिक गणित कौशल की आवश्यकता
- दैनिक जीवन में तार्किक सोच और तर्क को विकसित करना
- संख्याओं और स्थानिक समझ का दैनिक जीवन में उपयोग
- प्रारंभिक वर्षों के दौरान गणितीय नीव का महत्व
- आधारभूत संख्यमकता का रोजगार में एवं घरेलू स्तर पर योगदान
प्रारंभिक गणित के प्रमुख घटक
- फ्री नंबर अवधारणाएं
- नंबर एंड ऑपरेशन ऑन नंबर
- आकार एवं स्थानिक समझ
- माप तोल
- पैटर्न
- डाटा संधारण
- गणितीय संचार
मूलभूत गणितीय कौशल को बढ़ाने के लिए शैक्षणिक प्रक्रिया
- सहयोग पूर्ण शिक्षा प्राप्त करना
- बच्चों की गलतियों को समझना
- गणित को आनंद ले कर पढ़ना
- गणितीय रूप से संचार करना
- गणित को अन्य विषयों के साथ जोड़ना
- गणित को दैनिक जीवन के साथ जोड़ना आदि
Nipun Republic of India Challenge: योग्यता आधारित शिक्षा की ओर स्थानांतरण
ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण का वर्णन करने वाले कथनों को योग्यता आधारित शिक्षा कहते हैं। योग्यता आधारित स्थानांतरण के माध्यम से छात्र को एक विशेष असाइनमेंट, कक्षा, पाठ्यक्रम या कार्यक्रम के अंत में पता चलता है कि उनके द्वारा प्राप्त किए गए कौशल से उनको क्या लाभ होगा। ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और मूल्यों का संयोजन के माध्यम से उन दक्षता का निर्माण किया जा सकता है जो छात्रों को विकसित करने में उपयोगी साबित होता है। योग्यता आधारित शिक्षा के माध्यम से उन बुनियादी दक्षता को प्राप्त किया जा सकता है जिनको सीखने के परिमाण के माध्यम से मापा जा सकता है।
Nipun Republic of India Challenge: योग्यता आधारित शिक्षा की विशेषताएं
- योग्यता आधारित शिक्षा से बच्चों को अनोखे अनुभव प्राप्त होंगे।
- स्पष्ट एवं मापने योग्य सीखने के परिमाण की योग्यता आधारित शिक्षा से प्राप्त किए जा सकते हैं।
- योग्यता आधारित शिक्षा में रचनात्मक आकलन के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि कहां छात्र को शिक्षा प्राप्त करने में परेशानी हो रही है।
- आलोचनात्मक सोच एवं समस्या समाधान दृष्टिकोण को भी योग्यता आधारित शिक्षा के माध्यम से विकसित किया जा सकता है।
शिक्षा और सीखना: बच्चों की क्षमता और विकास पर ध्यान
बच्चे अपने आसपास के वातावरण के बारे में जानने के लिए सहेज जिज्ञासा एवं उत्सुकता रखते हैं। इसीलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि उनको 3 से 9 वर्ष की आयु में सुनियोजित उपयुक्त की गतिविधियों के माध्यम से समृद्ध अनुभव प्रदान किया जाए। जो कि संचार कौशल, क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और अपने बारे में समाज विकसित करें। शैक्षणिक प्रथाओं को बच्चों को ध्यान में रखते हुए विकसित करना चाहिए। जिसमें ऐसी गतिविधियां शामिल करनी चाहिए जिसमें संख्यामकता, सामाजिक भावना, भाषा और साक्षरता, मनो मोटर और रचनात्मकता विकास जैसे पहलू शामिल हों।
Nipun Republic of India Challenge: शिक्षा एवं सीखने की प्रक्रिया के प्रमुख पहलू एवं घटक
- कॉन्टेंट
- सीखने का वातावरण
- पूर्व में योजना बनाना
- आयु एवं विकासात्मक रूप से उपयुक्त शैक्षणिक प्रथाओं को अपनाने की पद्धति
- सीखने के परिवारों की उपलब्धि के लिए सुझाव शैक्षणिक प्रक्रिया
- शैक्षणिक अभ्यास
- योजना गतिविधियां
- शिक्षकों द्वारा प्रदान किया गया सक्षम वातावरण
- विभिन्न सीखने की सुविधाएं
Nipun Republic of India Challenge: शिक्षण अधिगम सामग्री (स्थानीय संदर्भ में)
बच्चों की सीखने की क्षमता का विकास करने के लिए शिक्षक द्वारा विभिन्न प्रकार के खिलौने, खेल और अन्य शैक्षिक खेल सामग्री का इस्तेमाल किया जा सकता है। इन सभी खिलौनों को सुलभ खुली अलमारियों में रखा जाएगा। जिससे कि बच्चे आसानी से इन खिलौनों के माध्यम से सीख सकें। प्रत्येक कक्षा में एक मिनी लाइब्रेरी होनी चाहिए। खिलौनों एवं शैक्षिक खेल को शिक्षक द्वारा विकासात्मक अवधारणाओं के अनुसार विकसित किया जाएगा एवं शिक्षकों द्वारा स्वदेशी खिलौनों और सामग्रियों का उपयोग करके अपनी मासिक, सप्ताहिक एवं दैनिक पढ़ने की योजना बनाई जाएगी।
FLY -1 तथा FLY -6 की लिंकेज
- आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामकता गतिविधियों को सीखने के परिमाण के साथ जोड़ा जाएगा।
- प्रत्येक स्तर पर बुनियादी सीखने के संसाधनों का पालन किया जाएगा।
- शिक्षकों को मूल्यांकन तकनीकों का उपयोग करने में कुशल बनाया जाएगा।
- विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल करके शिक्षा को बेहतर बनाया जाएगा।
Nipun Republic of India Challenge: लर्निंग एसेसमेंट
असेसमेंट के माध्यम से बच्चों से संबंधित सभी संभावित सूत्रों से जानकारी एकत्रित की जाती है। जैसे कि बच्चों का ज्ञान कौशल, दृष्टिकोण, क्षमता और विश्वास। इस जानकारी को बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। असेसमेंट के माध्यम से शिक्षकों को भी बच्चो के स्वभाव को समझने में सहायता प्राप्त होती हैं। शिक्षकों को यह पता चल पाता है कि वह कैसे बच्चों की सीखने की क्षमता का विस्तार कर सकते हैं। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा सकता है कि बच्चे किन विषयों में अच्छे हैं और उनके कौशल से भी संबंधित जानकारी लर्निंग एसेसमेंट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
Nipun Republic of India Challenge: फाउंडेशनल वर्षों के दौरान मूल्यांकन
- स्कूल बेस्ड एसेसमेंट
- लार्ज स्केल अचीवमेंट सर्वे
स्कूल बेस्ड एसेसमेंट
Faculty Based totally Evaluation में शिक्षक द्वारा खुद मूल्यांकन कार्यों की तैयारी की जाती है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले परीक्षा को स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के स्थान पर नहीं लिया जा सकता है। स्कूल बेस्ड एसेसमेंट प्रतिवर्ष एवं 1 वर्ष में कई बार आयोजित किए जाते हैं। जिससे छात्रों को अगली कक्षा में भेजने का निर्णय किया जाता है। यदि कोई छात्र कक्षा मैं पास होने लायक अंक प्राप्त नहीं कर पाता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं भेजा जाता है। सरकार द्वारा स्कूल बेस्ड एसेसमेंट को तनावमुक्त करने का निर्णय लिया गया है। स्कूल बेस्ड एसेसमेंट करवाने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
स्कूल बेस्ड एसेसमेंट का लक्ष्य
- बच्चों का स्वास्थ्य
- शारीरिक विकास
- व्यायाम और खेल
- स्वच्छता के पहलू
- वस्तुओं, खिलौनों आदि को व्यवस्थित ढंग से रखना
- बच्चों की सामाजिक एवं भावनात्मक प्रगति आदि
- बच्चों को प्रभावी संचारक बनाना
- स्कूल बेस्ड एसेसमेंट के तहत बच्चों की मातृभाषा को संचारक की भाषा बनाना जिससे कि वह अपनी बात संचारक के सामने रख सकें।
- भाषा एवं मूलभूत साक्षरता के लिए उपायुक्त प्रदर्शन
- हंसोदापन भावना का विकास
- गैर मौखिक संचार को महत्व देना
- बच्चों को इन्वॉल्व लर्नर बनाना
- कहानियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करना
- बच्चों को विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट एवं टास्क देना
- भौतिक वातावरण को समझने का मौका प्रदान करना
- पोर्टफोलियो
- आकलन के लिए श्रव्य दृश्य उपकरणों का निर्माण
- प्रश्न बैंक का विकास आदि
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया: शिक्षक की भूमिका
शिक्षक छात्रों के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों द्वारा बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जाती है। जिससे कि उनका आने वाला भविष्य बनता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षकों की भूमिका पर भी जोर दिया गया है। शिक्षकों द्वारा विभिन्न प्रकार के बदलाव अपने स्वभाव में लाने की सुझाव दिए गए हैं। जिससे कि वह बच्चों को बेहतर तरीके से समझ पाए। इसके अलावा नई शिक्षा नीति में कई प्रकार की तकनीक का विवरण किया गया है। जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को समझ पाएंगे और उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान कर पाएंगे। शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रेरित किया जाता है एवं उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किए जाते हैं।
शिक्षकों की क्षमता निर्माण
- प्रारंभिक वर्षों में परामर्श के माध्यम से
- प्रारंभिक अंकगणित के माध्यम से
- मूलभूत शिक्षार्थियों की समाज के माध्यम से
- प्रारंभिक भाषा और साक्षरता के माध्यम से
- प्रारंभिक वर्षों में आकलन के माध्यम से
- मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामकता में माता-पिता और समुदाय की भूमिका को बढ़ावा देना आदि
- प्रारंभिक वर्षों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान करना
Nipun Republic of India Challenge: पहलू तथा दृष्टिकोण
आधारभूत साक्षरता एवं संख्यामकता का राष्ट्रीय मिशन सन 2026-27 तक तीसरी कक्षा तक सर्व भौमिक आधारभूत साक्षरता और संख्यामकता की शिक्षा छात्रों को प्रदान करना है। जिससे कि बच्चे पढ़ने, लिखने और अंक गणित में ग्रेड स्तर पर दक्ष हो सके। इस योजना का संचालन राज्य स्तर पर किया जाएगा। इस मिशन के माध्यम से 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष तक के सभी बच्चों को तीसरी कक्षा तक आधारभूत साक्षरता एवं संखायामक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक बच्चे को एक अच्छा पर्यावरण प्रदान किया जाएगा जिससे कि वह अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस मिशन को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत संचालित किया जाएगा।
Nipun Republic of India Challenge का प्रशासनिक संचरण
- नेशनल मिशन- डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी एवं मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन राज्य स्तर पर इस योजना का संचालन करेगी। नेशनल मिशन के अंतर्गत कई प्रकार के कार्य किए जाएंगे जैसे कि मिशन की स्ट्रेटजी डॉक्यूमेंट बनाना, फ्रेमवर्क बनाना, लर्निंग मैट्रिक्स तैयार करना, लर्निंग गैप्स को पहचानना, शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाना आदि
- स्टेट मिशन- डिपार्टमेंट ऑफ स्कूल एजुकेशन के अंतर्गत इस योजना के अंतर्गत स्टेट मिशन का संचालन किया जाएगा। जिसके लिए 1 स्टेट् स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी को सेक्रेटरी द्वारा हेड किया जाएगा। इस कमेटी द्वारा इस योजना को राज्य स्तर पर संचालित करने के लिए कार्यान्वयन प्रक्रिया को मंजूरी दी जाएगी।
- डिस्ट्रिक्ट मिशन- इस योजना के संचालन के लिए डिस्ट्रिक्ट स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। जो कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या फिर डिप्टी कमिश्नर द्वारा हेड की जाएगी। इस कमेटी के सदस्य सीईओ, जिला परिषद, डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर फॉर हेल्थ, पंचायती राज सोशल वेलफेयर ऑफिसर आदि होंगे। डिस्टिक स्टीयरिंग कमिटी इस योजना को जिला स्तर पर संचालित करने के लिए योजना तैयार करेगी।
- ब्लॉक/क्लस्टर लेवल मिशन- निपूर्ण योजना का कार्यान्वयन ब्लॉक लेवल पर भी किया जाएगा। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक रिसोर्स पर्सन के द्वारा इस योजना का मार्गदर्शन एवं समर्थन प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इस योजना की सफलता की निगरानी ब्लॉक ऑफिसर द्वारा की जाएगी।
- स्कूल मैनेजमेंट कमिटी एंड कम्युनिटी पार्टिसिपेशन- निपूर्ण योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक संचालन का अंतिम लेवल स्कूल मैनेजमेंट कमेटी एवं कम्युनिटी पार्टिसिपेशन है। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल एवं कम्युनिटी लेवल पर जागरूकता फैलाकर किया जाएगा। जिससे की बच्चों के अभिभावक, शिक्षा एवं संपूर्ण स्कूल मैनेजमेंट इस योजना का सफलतापूर्वक संचालन कर सके।
NIPUN Republic of India Challenge योजना के हितधारक
- राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश
- नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन
- केंद्रीय विद्यालय संगठन
- स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग
- डिस्ट्रिक्ट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
- डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर एवं ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर
- ब्लॉक रिसोर्स सेंटर तथा क्लस्टर रिसोर्स सेंटर
- हेड टीचर
- Non-government ऑर्गेनाइजेशन
- सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशंस
- स्कूल मैनेजमेंट कमिटी
- वॉलिंटियर
- कम्युनिटी एवं पेरेंट्स
- प्राइवेट स्कूल
SCERTs तथा DIETs के माध्यम शैक्षणिक सहायता
FLN मिशन के अंतर्गत SCERT द्वारा टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल को विकसित करने का दायित्व उठाया जाएगा। उसके अलावा सभी टीचर ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थानीय भाषा में उपलब्ध करवाए जाएंगे। कक्षा 1 से 5 वी के लिए कुछ अन्य लर्निंग मटेरियल उपलब्ध करवाए जाएंगे जो कि बच्चों के लिए हर्षित एवं आनंदपूर्ण होंगे। दूसरी और प्रत्येक DIET द्वारा एक एकेडमिक संसाधन पूल विकसित किया जाएगा जिसमें विश्वविद्यालयों की शिक्षा विभाग के शिक्षक, जिला शिक्षा योजनाकार और संकाय शामिल होंगी। इस योजना के अंतर्गत कई अन्य कदम उठाए जाएंगे जिसके माध्यम से शैक्षणिक सहायता प्रदान की जाएगी।
Nipun Republic of India Challenge: दीक्षा डिजिटल सामग्री
निपुण भारत योजना के अंतर्गत दीक्षा पोर्टल को भी आरंभ किया गया है। दीक्षा पोर्टल के माध्यम से ई कॉन्टेंट उपलब्ध करवाया जाएगा। जो कि स्थानीय भाषा में होगा। यह ई कॉन्टेंट शिक्षकों एवं छात्रों दोनों के लिए उपलब्ध होगा। दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध कॉन्टेंट एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा। शिक्षकों के लिए कई प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाधन भी दीक्षा प्लेटफार्म पर उपलब्ध होंगे। जैसे कि प्रशिक्षण मॉड्यूल, प्रशिक्षण सत्रों के लिए सहायक सामग्री, वीडियो, पढ़ने के संसाधन, शिक्षक पुस्तिका आदि। दीक्षा प्लेटफार्म को ऐप के माध्यम से भी संचालित किया जा सकता है। शिक्षा विभाग द्वारा जल्द गूगल प्ले स्टोर एवं एप्पल एप स्टोर पर दीक्षा एप लांच किया जाएगा।
Nipun Republic of India Challenge: दीक्षा प्लेटफार्म का उपयोग
- प्रशिक्षण के उद्देश्य को परिभाषित करना
- उपलब्ध कांटेक्ट का लाभ उठाना
- टीचर्स की ऑनबोर्डिंग
- राज्य सहायता टीमों को प्रशिक्षण प्रदान करना
- संचार एवं आउटरीच
साक्षरता के लिए डिजिटल सामग्री
दीक्षा प्लेटफार्म पर निम्नलिखित प्रकार की सामग्री का उपयोग करके आधारभूत साक्षरता प्राप्त की जा सकती है।
- टाइप करने के साथ पढ़ना
- व्याकरण प्रश्न बैंक के माध्यम से
- कंप्रीहेंशन पढ़ने से
- बाल साहित्य की उपलब्धता
Nipun Republic of India Challenge: माता पिता एवं सामुदायिक जुड़ाव
NIPUN Republic of India योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए माता पिता एवं पूरे समुदाय की एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। लगभग 80% वक्त बच्चे घर पर होते हैं। ऐसे में बच्चों की सीखने की क्षमता स्कूल से ज्यादा घर में विकसित होती है। स्कूलों द्वारा यह प्रयास किया जाएगा कि बच्चों के माता-पिता को बच्चों की शिक्षा से जोड़ा जाए। इसके लिए विभिन्न प्रकार के कदम उठाए जाएंगे। जैसे कि स्कूल में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन जिसमें माता-पिता को बुलाया जाए, ईमेल, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से माता-पिता को बच्चों की पढ़ाई से जोड़ना, बच्चों को होम असाइनमेंट देना जिससे माता-पिता को यह जानकारी समय-समय पर प्राप्त होती रहेगी की बच्चे क्या पढ़ रहे हैं कैसे पढ़ रहे हैं आदि।
परिवार एवं समुदाय को जोड़ने के विभिन्न तरीके
- विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन
- पेरेंट्स टीचर मीटिंग
- नियमित गतिविधियां भी समुदाय में की जा सके
- पेरेंटिंग पर कार्यशाला की व्यवस्था
- स्कूल की गतिविधियों तथा बच्चे की प्रगति के बारे में माता-पिता को लगातार जानकारी भेजना।
- असाइनमेंट्स देना
- माता-पिता को ईमेल व्हाट्सएप आदि के माध्यम से बच्चों की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान करना
Nipun Republic of India Challenge: निगरानी एवं सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा
सन 2026-27 तक NIPUN Republic of India के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य स्तर पर अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इन सभी लक्ष्यों की प्रगति पर नोडल विभाग द्वारा नजर रखी जाएगी। इसके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन के लिए समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। जिससे कि सन 2026-27 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्यामक्त का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर एवं जिला स्तर पर आईटी आधारित संसाधनों के माध्यम से इस योजना की गतिविधियों की निगरानी की जाएगी। जिसमें क्षेत्र स्तर पर बच्चों की निगरानी भी शामिल होगी। इसके अलावा इस योजना के अंतर्गत प्रस्तावित निगरानी ढांचे को दो प्रकार में विभाजित किया गया है। जो कि वार्षिक निगरानी सर्वेक्षण एवं समवर्ती निगरानी है।
Nipun Republic of India Challenge: अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजीकरण की आवश्यकता
अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजीकरण योजना के कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका निभाता है। अनुसंधान के माध्यम से यह पता लगता है कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए किन प्रकार के प्रयास करने होंगे। मूल्यांकन के माध्यम से यह पता लगता है कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदम कितने सफल हैं एवं दस्तावेजी करण से सभी प्रमाणों का अभिलेख रहता है। अनुसंधान, मूल्यांकन एवं दस्तावेजी करण NIPUN Republic of India का एक अभिन्न हिस्सा है। अनुसंधान एवं मूल्यांकन राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लाक एवं स्कूली स्तर पर किया जा सकता है जिसके लिए लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे कि एक्टिव रिसर्च, प्रोसेस इवेल्यूएशन, इंपैक्ट इवेल्यूएशन आदि।